हम बहुधा बच्चों को कोई नया काम करते देख कर हडबड़ा जाते हैं. घड़ी छू रहा है, कहीं तोड़ न डाले. बच्चे ने क़लम हाथ में लिया और हाँ...हाँ..हाँ..का शोर मचा!ऐसा नहीं होना चाहिए.बालकों की स्वाभाविक रचनाशीलता को जगाना चाहिए. बालक खिलौने बनाना चाहे या बेतार का यंत्र ; चाहे नाटकों में अभिनय करना चाहे या कविता लिखना चाहे, लिखने दो....माता-पिता की यह कोशिश होनी चाहिए कि उनके बच्चे उन्हें पतथर की मूर्ति या पहेली न समझें.हमें बच्चों को इस योग्य बनाना चाहिए कि वह खुद अपने मार्ग का निश्चय कर लें.छोटा बच्चा भी, अगर उसे सीधे रास्ते पर लगाया जाय, तो वह अपनी ज़िम्मेदारी को समझने लगता है.बच्चे को सही शिक्षा देना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि उसके जीवन का उद्देश्य कार्यक्षेत्र में आना है.:प्रेमचंद



आएश भी हो चुके हैं ,अब छह साल के रखने लगे हैं अपनी किताबें संभाल के : दादा





आएश के दादा यानी हाजी सैयद मोहम्मद मुस्लिम कभी खूब शायरी किया करते थे.लेकिन समय ने उनसे यह छीन लिया.अब कभी-कभार !!

आएश इस चार अगस्त को छह साल के हो गए.लेकिन दादा उन से दूर हैं.हाँ उनकी अम्मा उनके पास हैं तो ज़रूर लेकिन अशक्त हैं.
उनके दादा ने कुछ पंक्तियाँ लिखी थीं जब आएश ने अपना चौथा जन्मदिवस मनाया था.और वह दिल्ली में ही थे.लीजिये आप भी आस्वादन कीजिये:



मेरे अज़ीज़ मेरे चहिते और खुश खिसाल
शुक्रे
खुदा की तुम ने गुज़ारे हैं चार साल
उम्रे
-खिज़र हो, खस्लत--हज़रत अली की हो
पढने
में तुम रहो दुनिया में बेमिसाल




[अज़ीज़ यानी प्रिय, खुस-खिसाल मतलब अच्छी आदत व्यवहार वाले ,खिज़र एक पैगम्बर हुए जिन्होंने लम्बी आयु पायी थी.हज़रत अली खलीफा हुए.जिनकी ईमानदारी और बहादुरी के क़िस्से मशहूर हैं.]









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दादी माँ की कहानियाँ

बचपन में हमने भी खूब सुनीं ऐसी कहानियां।कभी दादी से तो कभी नानी से.आप भी ज़रूर सुनते होंगे बच्चो! घर पर अगर आपके कोई न हो तो क्यों न आप इस तरह इन कहानियों का मज़ा लें.लीजिये मैं ने आपके लिए लाया है दादी माँ के खजाने से ढेरों कहानियां जो आपको न केवल हंसाएंगी रुलायेंगी बल्कि ढेरों सीख और शिक्षा भी देंगी.जैसे हमें क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए.

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बन्दर की बदमाशियाँ

बच्चों आज आपके लिए कुछ ऐसी कहानियां लेकर आई हूँ जिनके केंद्र में बन्दर है और उनकी कुछ चुहल, कुछ चालाकियां..

आपको पसंद आएँगी ज़रूर..
इन से आप सीख अवश्य लें..


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अंग्रेजी के वे गीत जो भाये..

बच्चों आज आप सरल ज़बान में ऐसे गानों का आनद लीजिये जो न केवल मधुर हैं , साथ ही सन्देश भी देते हैं.अंग्रेजी से इतना दुराव मत रखिये कि कभी दिक्क़त आये.










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अक़लमंद खरगोश...

बच्चों समय कम है..वरना मैं आपको टाइप स्क्रिप्ट में कहानी पढवाती..लेकिन क्या करूं समय ही न मिला. आपके भाई आएश, आमश और इनके बाबा समय दे तब न!! कहानी आपको ज़रूर पसंद आएगी..पढने के लिए इस चित्र पर क्लिक करें....




आभार
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मंज़िल के चिराग़

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